Table of Contents
JP Morgan Chase Bank SEBI Fine 2023: JP Morgan Chase Bank द्वारा SEBI (FPI Regulation) विनियम 2019 के कथित उल्लंघन के मामले में 22.10 लाख रुपए का भुगतान किया है.
क्या है पूरी कहानी? JP Morgan Chase Bank SEBI Fine 2023
JP Morgan Chase Bank ने निष्कर्षों को माने या ना माने बिना मुकदमे का निपटारा किया. SEBI एफपीआई रेगुलेशन (FPI Regulation) 2019 के अनुसार केवल पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक ही प्रतिभूति बाजार में हिस्सा ले सकते हैं. अगस्त 2021 में SEBI ने जेपी मॉर्गन से एक पत्र मिला.
इन्हें भी पढ़े
- 10 हज़ार करोड रुपए का मिला आर्डर और इस कंपनी का शेयर बना रॉकेट | Olectra Greentech Limited
- Reliance Industries Demerger Record Date | मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज हुई विभाजित, जाने कहानी
- नीता अंबानी के बैग की कीमत जानकर आप चौंक जायेंगे | Nita Ambani bought Hermes Birkin fancy handbag
FIMM के साथ FMRC का विलय और FPI पंजीकरण बंद
जिसमें नियामक को फैडलिटी इन्वेस्टमेंट मनी मैनेजमेंट (FIMM) की सामग्री में बदलाव की सूचना मिली. इस सूचना में सहयोगी फैडलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च कंपनी (FMRC) के साथ विलय भी शामिल था.
इस letter में SEBI को यह भी पता चला कि फैडलिटी इन्वेस्टमेंट मनी मैनेजमेंट (FIMM) की सामग्री जानकारी में जो बदलाव हुआ है उसके बारे में बताने में देरी हुई है. इस विलय के बाद फिडेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च कंपनी (FMRC) का FPI पंजीकरण बंद हो गया.
इन्हें भी पढ़े
- Utkarsh Small Finance Bank IPO | 12 जुलाई को 500 करोड रुपए का IPO लॉन्च होने वाला है इस बैंक का
- IdeaForge Technology Pvt Ltd Share Price IPO 2023 | सभी Shares के दाम हुए दोगुना
- Haryana Pension Scheme For Unmarried | अब कुआंरे लोगों को भी 2750 रुपए पेंशन हर महीनें देगी सरकार
JP Morgan Chase Bank ने SEBI को 22.1 लाख रुपए देकर किया मामलें का निपटारा
बाद में सभी को पता चला कि विलय की गई इकाई ने (FPI) एफपीआई पंजीकरण प्राप्त नहीं किया था. और प्रतिभूति बाजार में नाम खातों और पंजीकरण के तहत काम भी कर रही है. इस विलय की जानकारी मिलने के बाद SEBI ने JP Morgan Chase Bank के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी.
क्योंकि डिपॉजिटरी भागीदारी FMRC को प्रतिभूति बाजार में व्यापार करने से रोकने में असफल रहा. JP Morgan Chase Bank के प्रतिनिधियों ने सेबी की आंतरिक समिति से एक मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने ना तो इसे स्वीकारा और ना ही इसे अस्वीकार किया और मामले को 22.10 लाख रुपए में भुगतान करके कथित तौर पर इसके निपटारे पर जोर दिया.